अहिंसा – भगवान महावीर ने कहा था कि प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन से हिंसा का त्याग करना चाहिए. सत्य – महावीर जी का कहना था कि हर मनुष्य को सत्य के पथ का अनुसरण करना चाहिए. अपरिग्रह – भगवान महावीर ने कहा था कि किसी भी मनुष्य को आवश्यकता से अधिक वस्तुओं का संग्रह करने से बचना चाहिए.
अस्तेय – भगवान महावीर ने कहा था कि जीवन में अस्तेय का पालन करने वाला मनुष्य हर कार्य को सदैव संयम से करता हैं. अस्तेय का अर्थ होता है चोरी नहीं करना, लेकिन यहां चोरी का अर्थ सिर्फ भौतिक चीजों की चोरी करने से नहीं अपितु दूसरों के प्रति बुरी दृष्टि से भी है, जिससे सभी मनुष्यों को बचना चाहिए. ब्रह्मचर्य- ब्रह्मचर्य के बारे में भी भगवान महावीर ने कहा था कि ब्रह्मचर्य उत्तम तपस्या है. ब्रह्मचर्य मोह-माया छोड़कर अपने आत्मा में लीन हो जाने की प्रक्रिया है