सुबह-सुबह भारत के कुछ हिस्सों में महसूस किए गए Earthquake के झटके 10 किलोमीटर की गहराई पर रहा केंद्र जानिए कितनी रही तीव्रता

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आज सुबह भारत के कई हिस्सों में लोग उस समय डर और दहशत में आ गए जब अचानक Earthquake के झटके महसूस किए गए। यह झटके बहुत तेज़ तो नहीं थे, लेकिन धरती में हलचल ने हर किसी को चौंका दिया। ज्यादातर लोगों की नींद इन झटकों से खुली और कई लोग तो घर छोड़कर बाहर आ गए।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) और राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Centre for Seismology – NCS) के अनुसार, इस भूकंप का केंद्र पृथ्वी की सतह से 10 किलोमीटर नीचे था और इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.6 मापी गई। यह झटके उत्तर भारत, पूर्वी भारत और हिमालयी क्षेत्र में महसूस किए गए।

किन राज्यों में महसूस हुए Earthquake के झटके?

इस भूकंप के झटके कई राज्यों और शहरों में महसूस किए गए। कुछ क्षेत्रों में हल्के तो कुछ में मध्यम झटके रिपोर्ट किए गए। प्रमुख राज्य जहां यह झटके महसूस किए गए:

  • दिल्ली और एनसीआर (गाज़ियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम)
  • उत्तराखंड (देहरादून, हरिद्वार, टिहरी)
  • उत्तर प्रदेश (मेरठ, बरेली, सहारनपुर)
  • बिहार (पटना, गया, भागलपुर)
  • झारखंड (रांची, जमशेदपुर)
  • हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के ऊपरी इलाके

इन इलाकों में सुबह-सुबह जैसे ही धरती कांपी, लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और सोशल मीडिया पर पोस्ट करने लगे।

घटना का समय और लोगों की प्रतिक्रिया

यह भूकंप सुबह 5:12 बजे आया जब अधिकतर लोग गहरी नींद में थे। झटका महसूस होते ही कई लोग डर के मारे नींद से जागे और सीधे घर के बाहर आ गए।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया:

“हम सब गहरी नींद में थे, अचानक बेड हिलने लगा। पहले लगा सपना देख रहा हूं, लेकिन फिर दीवारों की कंपन महसूस हुई तो तुरंत बच्चे और परिवार को लेकर नीचे भागे।” – विनय शर्मा, गाज़ियाबाद

“ऐसे झटके तो पहले भी महसूस हुए हैं, लेकिन सुबह-सुबह इस तरह का कंपन डरावना था।” – रेखा देवी, देहरादून

वैज्ञानिक दृष्टिकोण: भूकंप क्यों आता है?

भूकंप प्राकृतिक घटनाओं में से एक है, जो पृथ्वी की सतह के अंदर मौजूद टेक्टोनिक प्लेट्स के हिलने या आपस में टकराने के कारण आता है। जब प्लेट्स आपस में टकराती हैं या फिसलती हैं, तो ऊर्जा बाहर निकलती है, जिससे कंपन होता है। यही कंपन भूकंप कहलाता है।

भारत का उत्तरी, पूर्वोत्तर और हिमालयी क्षेत्र विशेष रूप से भूकंपीय ज़ोन में आता है। यहां अक्सर हल्के से मध्यम भूकंप आते रहते हैं, क्योंकि यहां की भौगोलिक स्थिति टेक्टोनिक प्लेट्स के मिलन बिंदु के निकट है।

भूकंप की तीव्रता का माप और गहराई

  • तीव्रता: इस भूकंप की तीव्रता 4.6 रिक्टर स्केल पर रिकॉर्ड की गई।
  • गहराई: इसका केंद्र 10 किलोमीटर गहराई में था।

यह एक मध्यम तीव्रता वाला भूकंप था, जो सतह के नज़दीक होने के कारण अधिक असरदार महसूस हुआ।

संभावित नुकसान की स्थिति

फिलहाल कोई जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। किसी भी इमारत या संरचना के गिरने की खबर सामने नहीं आई है। कुछ क्षेत्रों में लोगों ने दीवारों में हल्के कंपन और दरारें महसूस की हैं, लेकिन वे भी बहुत मामूली स्तर की हैं।

प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया:

  • संबंधित राज्य सरकारों ने जिला कलेक्टरों को अलर्ट पर रखा है।
  • सभी आपदा प्रबंधन केंद्रों को सतर्क रहने के निर्देश जारी किए गए हैं।
  • NDRF (National Disaster Response Force) की टीमें स्टैंडबाय पर हैं।

सोशल मीडिया और अफवाहें

जैसे ही झटके महसूस हुए, ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप पर भूकंप से संबंधित संदेशों की बाढ़ आ गई। कुछ लोगों ने इसे बड़ा झटका बताया, जबकि कुछ ने पुराने अनुभव साझा किए।

प्रशासन ने अपील की है कि लोग अफवाहों से बचें और केवल अधिकृत सरकारी सूचना स्रोतों पर भरोसा करें।

सरकार और प्रशासन की तैयारियां

भारत सरकार और राज्य प्रशासन भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए पहले से ही कई तरह की व्यवस्थाएं कर रही हैं:

  1. आपदा प्रबंधन योजनाएं (Disaster Management Plans)
  2. भूकंप रोधी निर्माण नियमावली (Earthquake Resistant Building Codes)
  3. स्कूलों, ऑफिसों में सुरक्षा ड्रिल्स
  4. मोबाइल SMS अलर्ट सिस्टम
  5. जियो-सेंसर नेटवर्क का विस्तार

शिक्षण संस्थानों और कार्यालयों में अलर्ट

घटना के बाद कई स्कूलों और कार्यालयों में इमरजेंसी प्रोटोकॉल रिव्यू किया जा रहा है। शिक्षा विभाग जल्द ही सभी स्कूलों को भूकंप सुरक्षा ड्रिल करने के निर्देश जारी कर सकता है।

आने वाले झटकों की संभावना?

वैज्ञानिकों के अनुसार, इस तरह के मध्यम तीव्रता वाले भूकंप के बाद आफ्टरशॉक्स यानी छोटे झटके आ सकते हैं, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है। फिलहाल, अगले 24 घंटे के लिए प्रशासन अलर्ट पर है।

लोगों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

भूकंप के दौरान:

  • घबराएं नहीं, शांत रहें।
  • किसी मजबूत मेज या फर्नीचर के नीचे छिप जाएं।
  • दीवारों से दूर रहें।
  • लिफ्ट का प्रयोग न करें।
  • अगर आप बाहर हैं तो खुले स्थान पर जाएं।

भूकंप के बाद:

  • किसी क्षतिग्रस्त इमारत में प्रवेश न करें।
  • गैस लीक, बिजली के तारों से सावधान रहें।
  • आपातकालीन नंबर पर तुरंत सूचना दें।

निष्कर्ष

भारत में आए इस भूकंप ने भले ही बड़ा नुकसान नहीं किया हो, लेकिन यह एक चेतावनी जरूर है। हमें प्रकृति की शक्ति को कम नहीं आंकना चाहिए और हर समय सतर्क रहना चाहिए।

भूकंप जैसी आपदाएं हमें याद दिलाती हैं कि आपदा प्रबंधन, जागरूकता और तैयारियों की कितनी जरूरत है। एक सजग नागरिक ही आपदा के समय अपनी और दूसरों की रक्षा कर सकता है।

सरकार और वैज्ञानिक संस्थाएं अपना काम कर रही हैं, लेकिन हमें भी चाहिए कि हम अपने घरों और दफ्तरों को भूकंप रोधी बनाएं और समय-समय पर सुरक्षा अभ्यास करें।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. यह भूकंप कब और कितने बजे आया?

यह भूकंप सुबह 5:12 बजे भारत के कई हिस्सों में महसूस किया गया।

2. इसकी तीव्रता कितनी थी?

इसकी तीव्रता 4.6 रिक्टर स्केल पर दर्ज की गई।

3. इसका केंद्र कहां था?

भूकंप का केंद्र पृथ्वी की सतह से 10 किलोमीटर नीचे स्थित था।

4. किन राज्यों में इसका असर महसूस किया गया?

दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में।

5. क्या इससे किसी प्रकार का नुकसान हुआ?

नहीं, अब तक किसी भी प्रकार के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।

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