उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से लेकर महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी मुंबई तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई ने एक बार फिर पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है। केंद्र में हैं – छांगुर बाबा, एक विवादास्पद धार्मिक संत, जिन पर भूमि घोटाले, हवाला लेन-देन और अवैध कमाई के आरोप हैं। ईडी ने बाबा के 14 ठिकानों पर छापेमारी की है, वहीं स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने उनके भतीजे को हिरासत में लिया है।
कौन हैं छांगुर बाबा?
एक आध्यात्मिक चेहरा या घोटाले का गढ़?
छांगुर बाबा खुद को एक ‘धार्मिक साधु’ और ‘समाजसेवी’ के रूप में प्रचारित करते हैं। बलरामपुर जिले में स्थित उनका आश्रम स्थानीय लोगों के बीच चर्चित है। बाबा पर वर्षों से विवादों का साया रहा है — कभी ज़मीन कब्ज़ाने के आरोप, तो कभी काले धन को सफेद करने के प्रयास।
उनके अनुयायी उन्हें ‘गुरु’ मानते हैं, लेकिन सरकारी एजेंसियाँ उन्हें एक संदिग्ध आर्थिक नेटवर्क का केंद्र मानती हैं।
छापेमारी की श्रृंखला: कहां-कहां हुई कार्रवाई?
ईडी की कार्रवाई: 3 राज्यों में 14 ठिकाने
प्रवर्तन निदेशालय ने एक साथ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और दिल्ली में बाबा के 14 ठिकानों पर छापेमारी की। प्रमुख स्थानों में शामिल हैं:
बलरामपुर स्थित मुख्य आश्रम
गोंडा व बहराइच में कथित आवासीय संपत्तियाँ
मुंबई के अंधेरी और नवी मुंबई स्थित फ्लैट्स
दिल्ली में एक फार्महाउस
ईडी सूत्रों के मुताबिक, इन ठिकानों से भारी मात्रा में नकदी, दस्तावेज़, डिजिटल उपकरण, और संदिग्ध लेनदेन के साक्ष्य बरामद हुए हैं।
एसटीएफ की कार्रवाई: भतीजा हिरासत में
एसटीएफ ने बलरामपुर में छांगुर बाबा के भतीजे धर्मेंद्र तिवारी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। धर्मेंद्र को बाबा का ‘फाइनेंशियल मैनेजर’ कहा जाता है जो आश्रम की आय-व्यय का लेखा-जोखा देखता था।
सूत्रों के अनुसार, धर्मेंद्र से कई फर्जी कंपनियों, बेनामी संपत्तियों, और विदेशी ट्रांजैक्शनों को लेकर पूछताछ हो रही है।
किन मामलों में चल रही है जांच?
हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग
ईडी के दस्तावेज़ों के अनुसार, छांगुर बाबा पर लगभग ₹85 करोड़ की अवैध आय को हवाला नेटवर्क के माध्यम से सफेद धन में बदलने का आरोप है। इस नेटवर्क में मुंबई, दुबई और नेपाल के बिचौलिए शामिल बताए जा रहे हैं।
फर्जी ट्रस्ट और चंदा घोटाला
बाबा के नाम पर पंजीकृत कई धार्मिक ट्रस्ट सामने आए हैं, जिनके जरिए विदेशों से चंदा आया, लेकिन उसका उपयोग कहीं और किया गया। इन ट्रस्टों का ऑडिट न होना और ट्रांसफर की गई राशियों की पारदर्शिता पर भी सवाल उठे हैं।
जमीन पर अवैध कब्ज़े
बलरामपुर और गोंडा में दर्जनों सरकारी और पंचायत ज़मीनों पर अवैध कब्ज़े के मामले भी प्रकाश में आए हैं। कुछ मामलों में स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत की आशंका भी जताई जा रही है।
कार्रवाई के दौरान क्या-क्या बरामद हुआ?
नकदी और दस्तावेज़
ईडी की टीमों ने विभिन्न ठिकानों से अब तक:
₹2.25 करोड़ नकद
11 लग्जरी घड़ियाँ और ज़ेवरात
7 लैपटॉप और 15 मोबाइल
40 बैंकों के पासबुक व चेकबुक
संदिग्ध रजिस्ट्री दस्तावेज़ और फर्जी हस्ताक्षर की फाइलें
बरामद किए हैं।
डिजिटल ट्रेसिंग और बैंक स्टेटमेंट
ईडी ने बाबा के भतीजे के पास से मिले लैपटॉप में क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट और विदेशी खातों से लेनदेन के स्क्रीनशॉट्स भी जब्त किए हैं।
प्रशासन और राजनीतिक प्रतिक्रिया
प्रशासन सख्त, बाबा समर्थक भड़के
बलरामपुर और आस-पास के ज़िलों में सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं। बाबा के अनुयायियों ने कुछ स्थानों पर विरोध प्रदर्शन भी किए, लेकिन जिला प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि “कानून से ऊपर कोई नहीं।”
विपक्ष का बयान
राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे पर अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी नेताओं ने इसे “सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश” बताया तो वहीं कुछ ने कहा कि “यह कार्रवाई देर से लेकिन सही दिशा में है।”
सरकार की स्थिति
राज्य सरकार ने कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा है कि यदि कोई भी व्यक्ति कानून तोड़ेगा, चाहे वह धर्मगुरु हो या आम नागरिक, उस पर कार्रवाई होगी।
आगे क्या?
लंबी जांच और संभावित गिरफ्तारियाँ
ईडी सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही छांगुर बाबा से पूछताछ की जा सकती है और यदि आरोप पुख्ता पाए गए तो गिरफ्तारी भी संभव है। एसटीएफ की टीमों ने उनके कई सहयोगियों को नोटिस भेजे हैं।
ट्रस्टों की ऑडिट जांच
राज्य सरकार ने बाबा से जुड़े सभी ट्रस्टों की ऑडिट रिपोर्ट और आईटी रिटर्न की जांच के आदेश दिए हैं। यह देखा जा रहा है कि कहीं इन ट्रस्टों के माध्यम से अवैध संपत्ति अर्जन तो नहीं हुआ।
निष्कर्ष
छांगुर बाबा पर चली ईडी और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि धार्मिक चोला पहन कर आर्थिक घोटालों में शामिल होने वालों के लिए कानून सख्त होता जा रहा है। बलरामपुर से मुंबई तक फैले नेटवर्क, हवाला ट्रांजैक्शन, और अवैध संपत्तियों का खुलासा यह संकेत देता है कि मामला केवल एक बाबा का नहीं, बल्कि एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट का हिस्सा हो सकता है।
आने वाले दिनों में छांगुर बाबा के और भी राज़ खुल सकते हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि कानून इस मामले में कितना प्रभावी और तेज़ी से काम करता है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
- छांगुर बाबा कौन हैं और उन पर क्या आरोप हैं?
छांगुर बाबा बलरामपुर के एक धार्मिक गुरु हैं। उन पर हवाला, मनी लॉन्ड्रिंग, ज़मीन कब्ज़ा और फर्जी ट्रस्टों के माध्यम से आर्थिक घोटालों के आरोप हैं। - कितने ठिकानों पर छापेमारी हुई है?
ईडी ने यूपी, मुंबई और दिल्ली में कुल 14 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है। - क्या बाबा को गिरफ्तार किया गया है?
अब तक छांगुर बाबा की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन उनके भतीजे को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। - ईडी को किन-किन वस्तुओं की बरामदगी हुई है?
ईडी को नकदी, दस्तावेज़, क्रिप्टो ट्रांजैक्शन के प्रमाण, फर्जी रजिस्ट्रियाँ, बैंक डिटेल्स, और डिजिटल डिवाइसेस मिले हैं। - आगे क्या कार्रवाई हो सकती है?
ईडी द्वारा पूछताछ, गिरफ्तारी, ट्रस्टों की ऑडिट जांच और ट्रांजैक्शनों की अंतरराष्ट्रीय ट्रेसिंग की संभावना है। इस मामले में कई और गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं।